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WHAT IS NYMPHOMANIA

  WHAT IS NYMPHOMANIA I ntroduction to Nymphomania: Understanding Excessive Sexual Desire Nymphomania, also known as hypersexuality or compulsive sexual behavior disorder, is a term used to describe a condition characterized by an intense and unrelenting desire for sexual activity. It is important to note that the term "nymphomania" is no longer widely used in the field of psychology and psychiatry, as it has been replaced by more clinically appropriate terms such as hypersexuality or compulsive sexual behavior disorder. Nevertheless, for the purpose of this discussion, we will explore the concept of nymphomania as it has historically been understood. Nymphomania is often depicted as a woman's excessive sexual desire or an insatiable sexual appetite. However, it is crucial to recognize that individuals of all genders can experience hypersexuality. The condition is characterized by an overwhelming preoccupation with sexual thoughts, fantasies, urges, and behaviors ...

माइग्रेन क्या होता है

 

माइग्रेन क्या होता है

माइग्रेन, जिसे आमतौर पर आधासिसि, अधकपाटी, अर्धशीर्षी, अधकपारी तथा आसहनीय भयंक सिरदर्द के रूप में जाना जाता है, एक जटिल और प्रभावी रूप से सबसे आम तरीका है जिसमें सिर के आधिकारिक हिस्से में दर्द होता है। यह एक प्रकार का माइग्रेन रोग होता है जो अधिकांशतः मध्य आयु के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। माइग्रेन का कारण अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे अधिकांशतः आनुवंशिक और दिमागी कारकों के संयोजन के रूप में माना जाता है। यह बीमारी आम तौर पर सुबह-सुबह ही होता है और दोपहर तक बढ़ता ही रहता है । मारीज आक्षर मछली तरह तड़पता रहता है । आम तोर पर लोग आम सिरदर्द को भी माइग्रो मानते है, इसलिए आपको जानना जरुरी है कि “माइग्रेन क्या होता है”

 

माइग्रेन का विशेष लक्षण होता है कठोर सिरदर्द जो एक तरफ होता है और अक्सर दर्द को बढ़ाता है जबकि दूसरी वस्तुओं, जैसे कि उज्ज्वल प्रकाश, शोर या गंध, से संक्रमित होता है। इसके साथ ही, अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं जैसे कि मतली, उल्टी, उत्पात, उदासी, और उच्छेद का आवाजाहीन होना। यह लक्षणों की समयावधि और तीव्रता विभिन्न व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है, लेकिन सामान्य रूप से कई घंटे से लेकर कुछ दिन तक रह सकती है।




माइग्रेन का मिथक

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, माइग्रेन का उदय कई कारकों पर निर्भर कर सकता है, जो आपके दिमाग में और दिलासा प्रणाली में रोगों के विकास में भूमिका निभाते हैं। उनमें से कुछ मुख्य हैं:

1.     आनुवंशिक कारक: अधिकांश माइग्रेन मरीजों के परिवार में माइग्रेन का इतिहास पाया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अधिक अवसाद या माइग्रेन का खतरा हो सकता है।

2.     स्त्री पारिवारिक इतिहास: महिलाओं में माइग्रेन की आवृत्ति और संक्रमण कारक जीवन के महत्वपूर्ण घटक हो सकते हैं, जैसे कि मासिक धर्म, गर्भावस्था, और हार्मोनल परिवर्तन।

3.     दिलासा प्रणाली में बदलाव: दिलासा प्रणाली में कोई बदलाव या असंतुलन आपको माइग्रेन का खतरा बढ़ा सकता है। यह सम्मान्य जीवनशैली, खाद्य पदार्थों, निद्रा, तनाव, और व्यायाम सहित कई कारकों पर निर्भर कर सकता है।

4.     दिमागी कारक: दिमाग में आयातित बदलाव, जैसे कि न्यूरोत्रांसमिटर और संयोजक प्रणाली में असंतुलन, माइग्रेन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

5.     नाक के साइनस के कारण भी होता है ।

6.     अधीक सर्दी लग जाने से भी होता है ।

7.     टन्सिल तथा गले के बीमारी मे भी माइग्रेन जैसा दर्द होता है ।

 

इन कारकों के अलावा, कुछ ट्रिगर्स भी हो सकते हैं जो माइग्रेन को प्रकट कर सकते हैं, जैसे कि अधीक उज्जल प्रकाश, तेज आवाज, बदबू, रुचियों की बदलती गति, वासी सब्जी, बादाम, मैसूर बनाना, एन्टीहिस्टामीन, और शराब आदि।

 

चिकित्सा के माध्यम से, माइग्रेन का उपचार विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। यह सम्मान्यतया दबाव औषधियों, औषधियों के आवर्त, उच्छालन थेरेपी, और दिनचर्या में परिवर्तन सहित उपचार को शामिल कर सकता है। अधिकांश मामलों में, अल्पाधिकार के लक्षणों का प्रबंधन और रोकथाम के लिए बहुत साधारण उपचारों द्वारा आपको सहायता मिलेगी।

 

यदि आपको माइग्रेन के लक्षण होते हैं और उनका सामान्य उपचार प्रभावी नहीं है, तो आपको एक चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। वे आपके लक्षणों, आपके इतिहास, और अन्य लाभार्थ घटकों की जांच करके एक व्यक्तिगतीकृत उपचार योजना तैयार कर सकते हैं।

 

अंततः, माइग्रेन एक जटिल और व्यक्तिगत रोग है जो अधिकांश मामलों में उपचार के द्वारा प्रबंधित किया जा सकता है। यह अहम बात है कि आप अपने चिकित्सक के साथ चर्चा करें और उनकी मार्गदर्शन में सही उपचार प्राप्त करें ताकि आप अपने दैनिक जीवन को स्वस्थ और सक्रिय तरीके से जी सकें।

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